!! अत्याचारों से मारी मारी नारी !!

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!! अत्याचारों से मारी मारी नारी !!

!! अत्याचारों से मारी मारी नारी !!

नारी का है जीवन क्या। 
जो है अत्याचारों से मारी मारी।।
क्यों सहती रहती है तू। 
ये गम बोल जा ऐ अबला नारी।। 

तेरी ही तो है दुनियाँ सारी। 
संसार को तारने वाली दूँगा है तू नारी।।
माँ में है नारी बहन में है नारी। 
तो क्यों उढ़ते अत्याचारों के हाथ नारी पे।।

तुझे जन्म दिया नारी ने। 
तेरे वंश को बढ़ाया नारी ने।।
तेरे हाथो पर राखी बाँधी नारी ने।
तो तुझे वास्ता उसी नारी का जिसने तुझे जन्म दिया।।
रोक तू नारी पर अत्याचार  ......?

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दोस्तों ये मेरी पहली कविता है , और इसमें थोड़ी बहुत गलती हो सकती है। दोस्तों आशा करता हूँ की आपको मेर्री ये कविता अच्छी लगी होगी। 🙏🙏🙏

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